गुणेशपुरा सिद्धिविनायक गणेश मंदिर – गुजरात का स्वयंभू विघ्नहर्ता गणेशगुणेशपुरा सिद्धिविनायक गणेश मंदिर

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विघ्नहर्ता गणेश और मंगलवार का महत्व

भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और मंगलकारी देवता माना जाता है। मान्यता है कि गणेशजी का जन्म मंगलवार को हुआ था, इसलिए मंगलवार को उनके दर्शन करने का विशेष महत्व है। विश्वभर में गणेशजी के अनेक मंदिर हैं, लेकिन गुजरात का गुणेशपुरा सिद्धिविनायक गणेश मंदिर अपनी दिव्यता और विशेषता के लिए अत्यधिक प्रसिद्ध है।

सिद्धिविनायक स्वरूप की महिमा

गणेशजी को कई नामों से पूजा जाता है। भक्तों की मनोकामनाएँ पूर्ण करने वाले वक्रतुंड से लेकर सिद्धि देने वाले स्वरूप तक, हर नाम का अपना महत्व है। गुणेशपुरा में स्थापित सिद्धिविनायक गणेश भक्तों की मनोकामनाओं को पूर्ण करने और जीवन में सुख-समृद्धि प्रदान करने वाले माने जाते हैं।

गुणेशपुरा गणेश मंदिर का स्थान

अहमदाबाद जिले के धोलका तालुका के कोठ गाँव के पास स्थित गुणेशपुरा गाँव में यह प्रसिद्ध मंदिर है। यहाँ श्रद्धालु मानते हैं कि सिद्धिविनायक गणेश मंदिर के दर्शन मात्र से सभी कष्ट दूर होते हैं और अनोखे आध्यात्मिक फल की प्राप्ति होती है।

स्वयंभू प्रतिमा की विशेषता

गुणेशपुरा गणेश मंदिर में विराजमान गणेशजी की प्रतिमा स्वयंभू मानी जाती है। इस प्रतिमा की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि गणेशजी की सूँढ़ दाहिनी ओर है, इसलिए इन्हें सिद्धिविनायक कहा जाता है। गुजरात में इतनी विशाल और स्वयंभू गणेश प्रतिमा अन्य कहीं नहीं मिलती।

मंदिर की भव्यता और आस्था

मंदिर का विशाल प्रवेश द्वार और उस पर की गई कलात्मक नक्काशी इसे और अधिक आकर्षक बनाती है। दूर-दूर से श्रद्धालु यहाँ पहुँचते हैं और मान्यता है कि इस पवित्र भूमि पर कदम रखते ही भक्त दिव्य शांति और धন্যता का अनुभव करते हैं।

गुणेशपुरा सिद्धिविनायक का महत्व

प्रतिदिन यहाँ भक्तों की बड़ी संख्या आती है। विशेष रूप से गणेश चतुर्थी और भाद्रपद मास में मंदिर में अद्भुत उत्सव का आयोजन होता है। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि गुणेशपुरा के सिद्धिविनायक गणेश के दर्शन से दुख-दर्द मिटते हैं और जीवन में नई ऊर्जा और समृद्धि आती है।

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